सोलो साइकल यात्रा गोल्डन ट्राईगल यायावर मैक्स
“मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
फिर लोगो को कोई और मिल गया
कोई इधर खिसक गया तो कोई उधर खिसक गया ”
कारवां बनता और बिगड़ता रहता है, इंसान अकेला ही आया है तो जाएगा भी अकेला ही, बीच में लोग मिलते जुलते रहेंगे ...
तो इस बार भी मैं अकेला गोल्डन ट्राईगल दिल्ली आगरा जयपुर वापसी दिल्ली करने जा रहा हूँ बजट हर बार की तरह कम ही है, वैसे तो कोशिश रहेगी की 'निल' रहे, पर कोई बाध्यता नहीं रखनी अगर खर्च करना पड़ गया तो कोई दिक्कत भी नहीं है |
बजट कम रखने की ट्रिक में रहेगा कि
आगरा और जयपुर रुकना है, धर्मशाला, होस्टल ढूंढा जाए
एक दो दिन का खाना तो इस बार पैक कर के ही ले जाऊँगा
बजट कम रखने का मुख्य कारण है कि आगे फिर से यात्रा करनी है ...जितना कम बजट उतनी ज्यादा घुमक्कड़ी
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