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मंगल राइड, प्राचीन हनुमान मंदिर कनाट प्लेस


आज की यायावरी का प्रारंभ मैं अपने बारे में बता कर कर रहा हूँ, मुझे लोग यायावर मैक्स के नाम से अधिक जानते है, मुझे साइकलिंग का शौक है, और स्वयं ही साइकलिंग नहीं करता अपितु अन्य लोगो को भी इसके लिए प्रेरित भी करता हूँ और जहाँ तक हो सके उनकी सहायता करता हूँ इसके लिए हमने एक साइकलिंग ग्रुप भी बना रखा है, जो दिल्ली में साइकलिंग करने वालो को जोड़ता है, और ग्रुप बना कर हम पूरी दिल्ली लोगो को घुमाते हैं|



अब बात घुमक्कड़ी की आती है तो हम यायावर ठहरे, देश विदेश में तो नहीं पर दिल्ली में तो रोज ही घूमना होता है, वो भी काम से नहीं विशुद्ध घुमक्कड़ी , उठाई साइकल और निकल पड़े, न पेट्रोल डलवाना, न टिकट लेना, न पार्किंग का झंझट, न ट्रैफिक में रुकना उठाओ साइकल फूटपाथ पे चढ़ा दो | फिटनेस अलग जबरदस्त रहती है , चीज एक फायदे अनेक वाली बात है|



तो आज हम पहुंचे वहां, जहाँ के भक्त क्रिस्चन भी है, मुस्लिम भी और हिन्दू भी



मंगल के दिन, साइकल का पहिया स्वत: ही हनुमान मंदिर की तरफ मुड़ जाता है, तो आज निकले तो थे कहीं और के लिए लेकिन बजरंग बली की जय बोलते, हनुमान चालीसा पढ़ते हुए हम पहुचं जाते हैं हनुमान मंदिर कनाट प्लेस,



खडग सिंह मार्ग पर स्थित ये मंदिर अत्यंत प्रसिद्द है इस मंदिर में दिल्ली से ही नहीं अपितु विश्व भर से श्रदालू दर्शन करने हेतु यहाँ आते हैं | इस मंदिर कि ख्याति इतनी है कि यहाँ वैसे तो रोज ही भीड़ रहती है पर मंगल और शनिवार अलग लेवल, पर सिस्टम अच्छा है दर्शन का और मंदिर का प्रबंधन काफी अच्छा है, साफ़ सफाई, सभी कुछ , मंदिर के बाहर प्रसाद और खाने पीने की बड़ी ही व्यवस्थित दुकाने हैं, चाय और गरमागरम कचोरियाँ आलू की सब्जी के साथ यहाँ हर दम बनती रहती हैं



इस मंदिर के भक्त अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी हैं। भारत दौरे पर जब वे दिल्ली आये तो उन्होंने इसी मंदिर में बजरंगबली के दर्शन किए थे। ये भी कहा जाता है कि वे कार्यालय में अपनी मेज पर छोटी सी बजरंग बली की मूर्ति हमेशा रखा करते थे



इस मंदिर का नाम गिनीज वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड में दर्ज है, यहां चौबीसों घंटे अटूट मंत्र जाप होता है। यह सिलसिला 1 अगस्त 1964 से अनवरत चलता आ रहा है। यह जाप श्री राम जय राम जय जय राम का होता है। बताया जाता है कि ये विश्व का सबसे लम्बा जाप है।



कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने दिल्ली में पांच मंदिरों की स्थापना की थी, उन्हीं पांच मंदिरों में से एक यह प्राचीन हनुमान मंदिर है। अन्य चार मंदिरों में शामिल हैं दक्षिण दिल्ली का काली मंदिर-‘कालकाजी’, कुतुब मीनार के निकट योगमाया मंदिर, पुराने किला के निकट भैरो मंदिर एवं निगम बोध घाट स्थित नीली छतरी महादेव मंदिर।

जो की मेट्रो के बनने के दौरान हटा दिया गया |



ये भी कहा जाता है कि अर्जुन के रथ पर ध्वजा पर हनुमान जी विराजमान रहते थे और पांडवों के बजरंग बली से इस प्रेम के कारण ही पांडवो ने इस हनुमान मंदिर की स्थापना की थी



इस हनुमान मंदिर का वर्तमान स्वरूप सन् 1924 में उस वक्त श्रद्धालुओं के सामने आया जब तत्कालीन जयपुर रियासत के महाराज जय सिंह ने इसका जीर्णोद्धार कराया। इसके बाद तो दुनिया भर में इसकी लोकप्रियता फैलती गई



एक मान्यता और भी है कि प्रसिद्ध संत तुलसीदास जी ने दिल्ली यात्रा के दौरान यहां आकर बजरंग बली के अद्भुत बाल रूप के दर्शन किए थे और काफी मंत्रमुग्ध हुए थे। बताया जाता है कि यहीं बैठ कर उन्होंने सुप्रसिद्ध हनुमान चालीसा की रचना की थी।

इसी दौरान जब मुगल सम्राट अकबर तक यह खबर पहुंची तो उन्होंने तुलसीदास जी को दरबार में आने का आदेश भेजा। आदेश पाकर तुलसीदास यहां पहुंचे। तब मुगल सम्राट उनसे और उनकी भक्ति से इतना प्रभावित हुए इसके बाद ही सम्राट ने कनाट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर के शिखर पर इस्लामी चंद्रमा एवं किरीट कलश समर्पित किया। इसके उपरांत मुस्लिम आक्रमणकारियों ने कभी भी इस मंदिर पर कोई हमला नहीं किया, बताया जाता है कि मुगल सम्राट अकबर भी बजरंग बली के मुरीद हो गए थे।



अब न तो हनुमान जी, और न तुलसीदास और न अकबर मेरे सपने में आये जिन्होंने ये तथ्य बताएं हो तथ्य सब गूगल बाबा की कृपा है और विचार, सयोंजन भाषा मेरी, विवाद न हो किसी तथ्य को लेकर इसलिए ये उल्लेख कर दिया, त्रुटियों के लिए क्षमा करें और लेख का आनंद ले

बोलो बजरंग बली की जय












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